Ayush Chairs in Foreign Universies: सरकार ने विदेशों में आयुष चेयर्स के लिए मंगाए आवेदन

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Medical tourism
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Ayush Chairs in Foreign Universies: देश दुनिया में भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को मशहूर करने और भारत में ज्य़ादा से ज्य़ादा मेडिकल टूरिज्म के लिए आने वालों की संख्या बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय लगातार कदम उठा रही है। इसी कड़ी में मंत्रालय ने विदेशी विश्वविद्यालयों में आयुर्वेद और यूनानी की चेयर स्थापित करने के लिए उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं।

सरकार लगातार दुनिया में आयुर्वेद समेत अन्य पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाने के लिए नए नए कदम उठा रही है। इसी योजना के तहत कई विदेशी यूनिवर्सिटीज के साथ भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का एमओयू साइन हुआ है और अब उन यूनिवर्सिटीज में अब आयुष संबंधी चेयर स्थापित होगी। इन चेयर्स के बाद वहां उनकी पढ़ाई भी की जाएगी। इसी को देखते हुए आयुष मंत्रालय ने एक साल के लिए आयुर्वेद और यूनानी पद्धति के लिए भारतीय उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। फिलहाल यह चेयर सिर्फ एक साल के लिए है लेकिन इनको बढ़ाकर 3 साल तक किया जा सकता है, जिन उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा, उनको सरकार एसी 2 का किराया भी देगी। आवेदन देने की अंतिम तारीख 8 मई है। इसकी ज्यादा जानकारी के लिए https://ayush.gov.in/#!/whatsnew की साइट पर जाकर जानकारी ली जा सकती है।

खास बात यह है कि भारत सरकार लगातार भारतीय चिकित्सा पद्धतियों को विदेश में प्रचार प्रसारित करने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रही है जिसमें एक तरीके एक तरीका यह भी है।

ख़ास बात यह है कि भारत में हर साल 70 लाख से ज्य़ादा विदेशी इलाज के लिए आते हैं और इनमें से बहुत सारे मरीज़ आयुर्वेद के इलाज के लिए केरल और दूसरी जगह जाते हैं, ऐसे मेडिकल टूरिज्म के लिए वालों की संख्या बढ़ाने में भी इस तरह की चेयर काफी काम में आएंगी।

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