केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद से ही आयुष के जरिए हेल्थ सेवाओं पर खासा ज़ोर दिया जा रहा है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक अब देश के हर जिले में आयुष पद्धतियों से इलाज हो रहा है और बड़ी संख्या में मरीज आयुर्वेद, होम्यो और यूनानी समेत अन्य पारंपरिक पद्धतियों पर भरोसा कर रहे हैं।
देश में आयुष और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों इलाज कराने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक देश के लगभग सभी जिला अस्पताल में भी आयुष किसी न किसी रूप में मौजूद है। केंद्र सरकार ने कहा है कि पिछले कुछ समय में आयुष देश के हर जिला अस्पताल में पहुंच गया है।
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्वानंद सोनेवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष कोशिश की वजह से आज देश-दुनिया में आयुष को लेकर को लेकर काम किया जा रहा है।
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आयुर्वेद दिवस से पहले की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि भारत में हेल्थ सेक्टर में सभी क्षेत्रों पर आयुष को लेकर जागरूकता से लेकर मौजूदगी तक सभी बढ़ी है। उन्होंने कहा पिछले 1 साल में देशभर में 12500 से ज्यादा प्राथमिक केंद्रों पर 8.42 करोड़ मरीजों का इलाज आयुष पद्धतियों से हुआ है। जोकि अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि देशभर में आयुष पद्धतियों वाले 130 से ज्यादा जिलो में 50 बेड अस्पताल भी मौजूद है।
दरअसल केंद्र सरकार में पिछले कुछ सालों में आयुष और भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर खासा जोर दिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आयुष पद्धतियों के जरिए देश में स्वास्थ्य सेवाएं बढ़ाने के लिए ज़ोर दे रहे हैं। सरकार ने इसके तहत जिला और ब्लॉक स्तर पर भी आयुष के चिकित्सकों के अपॉइंटमेंट के साथ-साथ उनसे अन्य सुविधाएं भी जिला अस्पतालों में दी है, इसकी वजह से आयुष को लेकर लोगों में काफी जागरुकता बढ़ी है।