जल्द ही पंचकर्म और बस्ती जैसी चिकित्सा पद्धतियों (Medical systems like Panchakarma and Basti) पर भी इंश्योरेंस क्लेम मिल सकेगा। आयुष अस्पतालों की चिकित्सा पद्धतियों (Medical systems of AYUSH hospitals) को भी इंश्योरेंस के दायरे में लाने के लिए आयुष मंत्रालय ने सभी आयुष अस्पतालों को इंश्योरेंस कंपनियों के साथ एक चर्चा आयोजित की है। जिसमें पंचकर्म समेत अन्य चिकित्सा पद्धतियों को भी इंश्योरेंस के दायरे में लाने के लिए बातचीत की गई। जनरल इंश्योरेंस कमेटी को करीब 300 आयुष के पैकेज दिए गए हैं, जिनको इंश्योरेंस के दायरे लाया जाएगा। इसमें से 48 पैकेज इंश्योरेंस कंपनियों ने मंजूर कर लिए हैं।
बैठक के बाद आयुष सचिव ने बताया कि हम इंश्योरेंस को आयुष क्षेत्र में बड़े स्तर पर लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हमने इसके लिए इंश्योरेंस कंपनियों के साथ के साथ एक चर्चा की थी, सभी इंश्योरेंस कंपनियां भी यहां आई हैं। इसके साथ टीपीए भी आए हैं। काफी स्टार्टअप भी आए हैं, जो इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। आयुष क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए हम कई तरह से काम कर रहे हैं। हम आयुष क्षेत्र में काम कर रहे प्रेक्टिशनर्स की कैपेसिटी बिल्डिंग पर भी काम कर रहे हैं। ऐसे ही आयुष क्षेत्र के लिए इंश्योरेंस पैकेज को स्टैडर्डाइज करने के लिए हम इंश्योरेंस कंपनियों के साथ काम कर रहे हैं। इसके साथ ही विदेशों से काफी बड़ी संख्या में मरीज आयुष क्षेत्र में इलाज के लिए आते हैं। इसको देखते हुए विदेशी इंश्योरेंस कंपनियों को भी हम साथ लेकर चलना चाहते हैं, ताकि भारत में आयुष में इलाज कराने वालों को मदद मिल सके।
आयुष सचिव ने बताया कि जहां भी इंश्योरेंस आता है, उस सेक्टर में बड़ी ग्रोथ होती है। इसको देखते हुए ही हम कोशिश कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा आयुष चिकित्सा पद्धतियों के पैकेज इंश्योरेंस कंपनियों को दें। ताकि जो मरीजों को इंश्योरेंस क्लेम में आसानी हो।