WHO Ayurved centre: भारत दुनिया भर में अब परंपरागत दवाओं का एक बड़ा सेंटर बनने जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत में ट्रेडिशनल मेडिसन सेंटर (Traditional medicine center) को खोले जाने के लिए करार (MOU) पर हस्ताक्षर कर लिए हैं। जामनगर में शुरु किए जाने वाले इस सेंटर में परंपरागत दवाओं पर रिसर्च की जाएगी, जोकि दुनियाभर में मान्य होगी। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस सेंटर के लिए किए गए करार पर खुशी जाहिर की है। योग के बाद अब दुनिया आयुर्वेद को लेकर भारत की ओर देख रही है। ऐसे में भारत में डब्लूएचओ का ऐसा सेंटर खोला जाना आयुर्वेद और भारतीय ज्ञान के लिए बहुत बड़ी बात है।
भारत की ओर से आयुष सचिव वैद्य राजेश कटोच (Ayush secretary Vaidya Rajesh Katocha) ने भारत सरकार की ओर से इस करार पर हस्ताक्षर किए हैं। डब्लूएचओ के डायरेक्टर जनरल ट्रेडोस एडाहानाम (WHO DG ) ने इस सेंटर के लिए एमओयू साइन किया है।
इससे पहले संसद में आयुष मंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने कहा कि भारत ने एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की है, भारत के जामनगर में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशन मेडिसन बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5वें आयुर्वेदा डे इसकी पर इसकी घोषणा की थी। पर कहा था। सोनेवाल ने बताया कि 9 मार्च को इस सेंटर के लिए डब्लूएचओ के साथ करार साइन करने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया गया था। डब्लूएचओ के साथ करार की मंजूरी दी थी।
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