100 Cr. club for Vaidyas: कोई भी मरीज़ बीमार होने के बाद सबसे पहले आयुर्वेद डॉक्टर (Ayurved Doctors) के पास ही जाए, इसको लेकर इंडियन वैद्यास और आयुर्वेद इंडिस्ट्री (Ayurved Industry) ने मिलकर “100 करोड़ क्लब” नाम का एक प्रोग्राम शुरु किया है। जिसमें आयुर्वेद डॉक्टर्स को बेहतर क्लिनिक स्थापित करने और मरीज़ों को बेहतर तरीके से हैंडल करने के तरीकों पर काम होगा।
दरअसल देश में आयुर्वेदिक डॉक्टर्स के पास मरीज कई पैथियों से इलाज कराने और थकने के बाद ही जाता है। इससे मरीज की बीमारी तो बढ़ ही जाती है, बल्कि उसके पास फंड भी खत्म हो जाते हैं। इससे आयुर्वेद इलाज के जरिए मरीज को ठीक होने में भी समय लगता है। अगर मरीज समय पर आयुर्वेद के डॉक्टर के पास पहुंचेगा तो उसके जल्द ही ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। लिहाजा आयुर्वेद को “फर्स्ट लाइन ऑफ ट्रीटमेंट” बनाने के लिए ये 100 करोड़ क्लब का प्रोग्राम शुरु किया गया है। इसमें प्राइवेट प्रेक्टिस करने वाले आयुर्वेद के डॉक्टर्स को बेहतर वित्तीय स्टेबिलिटी के लिए तैयार कराया जाएगा।
इस कार्यक्रम को शुरु करने वाले वैद्य पीयूष जुनेजा ने 2018 में अपना क्लिनिक शुरु किया था और अब उनका क्लिनिक सालाना एक करोड़ रुपये से ज्य़ादा का टर्नओवर करने लगा है। इंडियन वैद्यास के संस्थापक वैद्य पीयूष जुनेजा के मुताबिक अगर हम कुछ छोटे छोटे कदम उठाएं तो हम बेहतर क्लिनिक स्थापित कर सकते हैं। हमें बस डिजीटल तकनीक मार्केटिंग मल्टीपल बैंड, सही दवा और स्टैंडर्ड दवाओं पर काम करना होगा।
इसके लिए इंडियन वैद्यास और आयुर्वेदिक फार्मा कंपनियां, आयुर्वेद के डॉक्टर्स के साथ मिलकर काम करेंगी। इस प्रोग्राम में डाबर इंडिया, एमिल, झंडु, इम्मी फार्मास्यूटिक्लस, आयुथवेदा अनंता हेम्प, बांबे हेम्प कंपनी और नोएग्रा शामिल हैं।