Conspiracy against giloy: गिलोय के खिलाफ हो रही है साजिश?

Conspiracy against giloy: देश विदेश में गिलोय की बढ़ती लोकप्रियता और लोगों के सस्ते में बीमारियों से ठीक होने के चलते गिलोय की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करने की साजिश हो रही है। पिछले कुछ समय से सभी बड़े टीवी चैनल पर एक स्टडी (Study) के नाम पर गिलोय के उपयोग से लीवर को नुकसान के विज्ञापन को ख़बर की तरह चलाया जा रहा है। इसको देखते हुए आयुष मंत्रालय तुरंत एक्शन में आया है और उसने इस विज्ञापन के खिलाफ एक बयान जारी कर कहा है कि गिलोय को लेकर एक भ्रम फैलाया जा रहा है।

आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) के मुताबिक गिलोय पर जितनी भी स्टडी (Study on giloy) उपलब्ध हैं, उनके मुताबिक ये औषधी बहुत ही लाभकारी है और ये किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं करती और ना ही इससे कोई टॉक्सिक पदार्थ निकलता (Giloy is safe) है। हालांकि मंत्रालय ने ये भी साफ किया है कि किसी भी दवा की डोज उसके असर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लिहाजा डोज़ पर ध्यान देना जरुरी है।

दरअसल पिछले कुछ सालों में भारत ही नहीं दुनियाभर में गिलोय की कई बीमारियों में असरकारक पाए जाने के बाद इसके खिलाफ साजिशों का दौर चल रहा हैइससे पहले भी कई बार अलग अलग तरह से गिलोय के खिलाफ दुष्प्रचार किए जा रहे हैं। आयुष मंत्रालय ने पहले भी इस तरह के लेखों का खंडन किया है।

Prof. Mahesh Vyas (Dean AIIA)

ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेदा (AIIA) के डीन प्रो. महेश व्यास (Dean Prof. Mahesh Vyas) के मुताबिक हमारे यहां रोज़ाना 1000 से 1500 मरीज़ आते हैं, इनमें से आज तक किसी मरीज़ ने भी गिलोय के साइड इफेक्ट नहीं नज़र आए हैं। लेकिन हैरानी इस बात की है, जो लोग आयुर्वेद की प्रेक्टिस नहीं करते उन लोगों को ऐसे मरीज़ मिल जाते हैं, जिनको गिलोय से किडनी की समस्या हो गई। गिलोय एक रसायन है, आयुर्वेद में रसायन किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं करता। हमने कोरोना की तीनों लहरों में कोरोना के मरीज़ों को गिलोय क्वाथ दिया, सभी मरीज़ों में कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित हुई। बल्कि हमारे यहां जितने भी मरीज़ आए, सभी स्वास्थ्य होकर वापस गए। इसमें गिलोय की महत्वपूर्ण भूमिका है।

1.50 लाख कोरोना मरीज़ों का हुआ आयुर्वेदिक इलाज

आयुष मंत्रालय की एक स्टडी के मुताबिक कोरोना के 1.50 लोगों का इलाज़ आयुर्वेदिक पद्धति से हुआ और इनमें से एक भी मरीज़ की मौत नहीं हुई। कुछ मरीज़ों को ही बीमारी गंभीर हुई। बाकी सभी ठीक हो गए। ये स्टडी दुनियाभर के बड़े बड़े पब्लिकेशन में प्रकाशित भी हुई।

Related Posts

Cataract-Motiabind को ठीक करने के अचूक औषधी है त्रिफलाघृत

Cataract-Motiabind- मोतियाबिंद एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में लोग अक्सर सोचते हैं कि यह सिर्फ ऑपरेशन से ही ठीक हो सकती है, लेकिन आयुर्वेद के जरिए यह बीमारी बिना…

Cough-Lungs संबंधी बीमारी के लिए रामबाण है दशमूल काढ़ा

एक समय था जब भारत में खांसी और सांस (cough-lungs) संबंधी बीमारियों के लिए आम लोग भी डॉक्टर या वैद्य के पास जाने की बजाए घर में काढ़ा बनाकर पीते…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

Ayurved: मीट और अंडे की बजाए खाएं यह तो मिलेगा भरपूर प्रोटीन

  • By एसk
  • July 17, 2025
  • 108 views
Ayurved: मीट और अंडे की बजाए खाएं यह तो मिलेगा भरपूर प्रोटीन

Impact of Yoga Day: योग और ध्यान पर रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स में भारी बढ़ोतरी

Impact of Yoga Day: योग और ध्यान पर रिसर्च और क्लिनिकल ट्रायल्स में भारी बढ़ोतरी

अब और भी भव्य होता जा रहा है International Yoga Day: प्रधानमंत्री मोदी

  • By एसk
  • June 29, 2025
  • 204 views
अब और भी भव्य होता जा रहा है International Yoga Day: प्रधानमंत्री मोदी

Cataract-Motiabind को ठीक करने के अचूक औषधी है त्रिफलाघृत

Cataract-Motiabind को ठीक करने के अचूक औषधी है त्रिफलाघृत