Hemp seed now included in food: सरकार ने गांजे के बीज को खाने के तौर पर इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। हालांकि इसके साथ सरकार ने कुछ कंडीशन भी लगाई है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑफ इंडिया (FSSAI) के नोटिफिकेशन के मुताबिक भांग के बीज, भांग के बीज का तेल और उसका चुर्ण अब खाद्य पदार्थों के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इनकी खरीद-बिक्री भी अब खाद्य पदार्थ के तौर पर हो सकेगी। हालांकि इनमें नशे की मात्रा को निर्धारित किया गया है। भांग के बीज में टीएचसी (नशे की मात्रा) प्रति किलोग्राम 5 होनी चाहिए, साथ ही भांग के तेल में 10 टीएचसी प्रति किलोग्राम, नोटिफिकेशन के मुताबिक अगर भांग के बीज से कोई पेय पदार्थ तैयार किया जा रहा है तो उसमें नशे की मात्रा 0.2 टीएचसी से ज्य़ादा नहीं होनी चाहिए। साथ ही इसमें साफ किया गया है कि इसके किसी भी लेबल पर भांग के पत्ते या फिर गांजा या मरिजुआना शब्द नहीं लिखा होना चाहिए।
दरअसल FSSAI ने 2017 में हेम्प सीड ऑयल के लिए लाइसेंस देने शुरु किए थे, लेकिन बाद में काफी मैन्यूफैक्चर्स को स्डैंडर्ड को लेकर नोटिस दिया गया था। लेकिन अब जाकर भांग के बीज और तेल को खाद्य पदार्थ में नोटिफाइ कर दिया गया है।
भांग के बीज और उसके तेल का इस्तेमाल अभी तक आयुर्वेद औषधी के तौर पर होता था। डॉ. पीयूष जुनेजा के मुताबिक, Hemp seed oil शाकाहारी लोगों के लिए ओमेगा3 और ओमेगा6 का बेस्ट स्रोत है, साथ ही इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। सरकार ने जो ये कदम उठाया है, उससे देश में पोषण की कमी को दूर करने में काफी मदद मिलेगी।
FSSAI के नोटिफिकेशन पर अनंता हेम्प सीड वर्कस के फाउंडर अभिनव भास्कर- विक्रम वीर सिंह ने ayurvedindian.com को बताया कि इस कदम से आने वाले समय में हेम्प सीड से इंडस्ट्री को काफी फायदा मिलेगा। ये सिर्फ मेडिकल इस्तेमाल के लिए ही नहीं, बल्कि इसका इस्तेमाल पोषण, पर्सनल केयर, टेक्सटाइल और कृषि में भी होगा। इसका बड़ी मात्रा में एक्सपोर्ट भी हो सकता है। हमें उम्मीद है कि हम दुनिया को भारतीय हेम्प सीड का एक्सपोर्ट करेंगे।
Noigra हेम्प सीड के विपुल गुप्ता के मुताबिक, इस नोटिफिकेशन से हेम्प इंडस्ट्री को बड़ी मदद मिलेगी। FSSAI के इस कदम से बहुत सारी कंपनियों के लिए नए निवेश के दरवाजे खुल गए हैं। हेम्प प्रोडक्ट्स में पोषण की मात्रा बहुत ज्य़ादा होती है। लिहाजा इसके उपयोग से कुपोषण की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है, जल्द ही FSSAI के बाद सरकार के बाकी डिपार्टमेंट भी हेम्प इंडस्ट्री के लिए अपने दरवाजे खोलेंगे। देश में फिलहाल करीब 50 हेम्प कंपनियां काम कर रही हैं और करीब पिछले करीब दो सालों में 100 से ज्य़ादा कंपनियां इस कारोबार में उतरी हैं।