गर्मियों के मौसम में आम, केले और पपीते जैसे फलों का स्वाद कौन नहीं लेना चाहता है। भारत में बहुत सारे लोग गर्मियों में इन फलों का इंतज़ार पूरे साल करते हैं, लेकिन इन फलों को पकाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाले कैल्शियम कार्बाइड (calcium carbide) लोगों के लिए जीवन भर के लिए बीमार कर सकता है। हालांकि भारत समेत दुनियाभर के देशों ने इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन इसके बावजूद भी भारत की मंडियों में इसका जमकर इस्तेमाल होता है। इसको रोकने के लिए अब एफएसएसएआई ने सभी विक्रेताओं को इसका इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है।
कभी किसी भी परिस्थिति में फल को पकाने में इस केमिकल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, लेकिन इसके बाद भी आम के बगानों में पेटियों में इस केमिकल को डालते हुए नजर आ जाएंगे। इस केमिकल से निकलने वाली गैस भी बहुत ही नुकसान हो सकता है। कई बार ऐसे केमिकल से पकाए हुए फल की वजह से मुंह सूखना, गले में इंफेक्शन, पेट दर्द और कैंसर जैसी बीमारियां इस केमिकल की वजह से हो सकती है। कई बार लगातार इस तरह के पकाए हुए फल खाने से व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार भी हो जाता है।
इसको देखते हुए खाद्य नियामक एफएसएसएआई ने हाल ही में फल कारोबारियों को इसका इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दी है। FSSAI ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा विभागों को एफएसएस अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार ऐसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सतर्क रहने, कार्रवाई करने और सख्ती से निपटने की सलाह दी है। कैल्शियम कार्बाइड जो आमतौर पर आम जैसे फलों को पकाने के लिए उपयोग किया जाता है, से एसिटिलीन गैस निकलता है जिसमें आर्सेनिक और फास्फोरस के हानिकारक अंश होते हैं।