Ayush Drug Licence: अब आयुष की दवाएं बनाने के लिए कंपनियों को संस्थानों को लाइसेंस लेने में दो महीने से ज्य़ादा का समय नहीं लगेगा। आयुष मंत्रालय इस पूरी प्रक्रिया को जहां ऑनलाइन कर दिया है। वहीं लाइसेंस के लिए आवेदन के दिन से लाइसेंस मिलने तक के लिए अधिकतम दो महीने का समय भी निर्धारित कर दिया है। यानि दो महीनों के भीतर लाइसेंस दिया ही जाएगा।
आयुष मंत्रालय के मुताबिक आयुष सेक्टर में दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के लिए लाइसेंस प्रक्रिया को पूरी तरह से ना सिर्फ ऑनलाइन कर दिया गया है, बल्कि अब इसके लिए समय सीमा भी तीन महीनों से घटाकर दो महीने कर दी गई है।
यह आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी (एएसयू) दवाओं के निर्माण के लिए तेज, कागज रहित और अधिक पारदर्शी तरीके से लाइसेंस देने की प्रक्रिया में मदद करेगा। आयुष मंत्रालय ने इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। निर्माता www.e-aushadhi.gov.in पर लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। ये लाइसेंस पांच सालों के लिए मान्य होगा, उसके बाद लाइसेंस की समीक्षा कर उसे एक्सटेंशन दिया जाएगा।
देश में फिलहाल 9 हज़ार से ज्य़ादा आयुष दवाएं बनाने वाले मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट हैं। 2014 के बाद से इन दवा कंपनियों को लाइसेंस देने में तेज़ी आई है। 2014 में ही आयुष को एक विभाग से एक मंत्रालय में बदला गया था। इसके बाद से ही आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद, सिद्धा, यूनानी और होम्योपैथी की दवाओं की बेहतर उपलब्धता के लिए दवा मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट को लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान किया गया है।