सीने में जमा कफ को निकालने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय, जल्द मिलेगा आराम

Date:

मौसम बदलते ही लोगों को सर्दी, बुखार, एलर्जी आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें भी व्यक्ति ठंड के कारण छाती में जमा होने वाले कफ से सबसे ज्यादा परेशान रहता है। छाती में जमा कफ से राहत पाने के लिए ज्यादातर लोग एंटीबायोटिक का सहारा लेते हैं। लेकिन कई बार ये दवाएं व्यक्ति को समय पर राहत नहीं दे पाती हैं। अगर आप भी ठंड की वजह से सीने में कफ जमा होने से परेशान हैं तो ये घरेलू उपाय राहत देने में आपकी मदद कर सकते हैं।

नीलगिरी का तेल

यूकेलिप्टस के तेल की कुछ बूंदों को नाक और छाती पर लगाने से छाती में जमा कफ को निकालने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा आप गर्म पानी में नीलगिरी का तेल मिलाकर भी नहा सकते हैं।

गर्म पानी और पुदीने का तेल-

गर्म पानी में पुदीने के तेल की 2-3 बूंदें डालकर भाप लेने से छाती में जमा कफ को बाहर निकालने में मदद मिलती है। आप इस उपाय को दिन में 2-3 बार कर सकते हैं।

नमक से गरारे करें-

गर्म पानी में नमक डालकर इससे गरारे करने से गले की खराश, सूजन और कफ की समस्या से राहत मिलती है। यह बलगम को ढीला और निष्कासित करने में मदद करता है।

कच्ची हल्दी-

थोड़ी कच्ची हल्दी का रस लें और इसकी कुछ बूंदें गले में डालें, फिर थोड़ी देर प्रतीक्षा करें। आप चाहें तो गुनगुने पानी में हल्दी का रस मिलाकर भी गरारे कर सकते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नामक यौगिक बलगम को पतला करने में मदद करता है। हल्दी में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण खांसी और जुकाम के इलाज में मदद करते हैं।

तुलसी और अदरक की चाय-

तुलसी और अदरक में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण सर्दी-खांसी से राहत दिला सकते हैं. ऐसे में सीने में जमा बलगम को निकालने के लिए आप तुलसी अदरक की चाय या काढ़ा पी सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

बच सकते हैं Kidney stone से अगर अपनाए यह आयुर्वेदिक उपाय

भारत में किडनी स्टोन डिजीज (केएसडी) काफी आम बीमारी...

Benefits of Moringa: किन किन बीमारियों में मोरिंगा हो सकता है रामबाण इलाज

आयुर्वेद की सबसे शक्तिशाली सब्जी मोरिंगा है जिसे मल्टीविटामिन...

World Ayurveda Congress के लिए मांगे गए रिसर्च पेपर्स

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 12 से 15 दिसंबर...

New Ayush education policy की तैयारियों में जुटा आयुष मंत्रालय

New Ayush education policy: आयुष क्षेत्र में शिक्षा को...