भारत के आयुर्वेद (Ayurveda) से दुनिया के प्रमुख देशों में इलाज कराने का चलन जोर पकड़ रहा है। पिछले कुछ सालों में भारतीय वैद्य विदेशों में जाकर वहां के डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को ना सिर्फ आयुर्वेद की ट्रेनिंग दे रहे हैं, बल्कि बड़ी संख्या में विदेशी मरीज ऑनलाइन भारतीय वैद्य से सलाह लेकर स्वस्थ्य हो रहे हैं।
दुनिया में भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कर रहे एक प्रमुख वैद्य हैं डॉ. नितिन अग्रवाल। डॉ. नितिन अग्रवाल अभी तक 48 देशों में 1000 से ज्य़ादा लोगों को आयुर्वेद की ट्रेनिंग दे चुके हैं। जहां इनके ट्रेंड किए हुए लोग आयुर्वेदिक तरीके से विदेशों में लोगों को स्वस्थ्य कर रहे हैं।
डॉ. नितिन अग्रवाल के मुताबिक, विदेशों में आयुर्वेद की मान्यता लगातार बढ़ रही है। जब लोगों को ये पता लगता है कि आयुर्वेदिक तरीकों से बीपी, शुगर की दवाइयां छूट जाती हैं या फिर ज्वाइंट पेन ठीक हो जाता है तो बहुत अचंभित होते हैं। हम विदेशों में डॉक्टर्स के सेमिनार में आयुर्वेद के बेसिक कॉन्सेप्ट को समझाते हैं कि किस तरह वात, पित्त और कफ काम करता है। कैसे लाइफस्टाइल बीमारियों को ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद बीमारियों को जड़ से खत्म करता है ना कि उन्हें दबाता है। इसका एक साधारण का उदाहरण एलर्जी है। जब किसी को एलर्जी होती है तो मार्डन मेडिसिन में उस मरीज की एलर्जी दबाने की दवाइयां दी जाती हैं। लेकिन एलर्जी ना हो इसके संबंध में कुछ नहीं किया जाता। लेकिन आयुर्वेद में एलर्जी के प्रकार के मुताबिक इस बीमारी को जड़ से खत्म किया जाता है। इसी वजह से पूरी दुनिया में आयुर्वेद के चाहने वाले बढ़ रहे हैं। पिछले साल 1250 मिलियन डॉलर के आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पादों का निर्यात हुआ है।
डॉ. नितिन अग्रवाल के मुताबिक, यूरोपीय और सीआईएस देशों में भारतीय पद्धतियों से इलाज को लेकर लोग काफी सजग हैं। अब तो भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ही पारंपरिक दवाओं का अंतरराष्ट्रीय केंद्र बना दिया है। इससे हमारी चिकित्सा पद्धतियों को लेकर क्रेडिबिलिटी और बढ़ेगी।