योग-आयुर्वेद के उपकरण बनाने वालों के लिए जरुरी ख़बर


An expert committee meeting to finalize the proposal for "ISO-Technical Committee on Ayurveda and Yoga" was conducted at @IndianStandards (BIS) HQ on 29th August 2023.
आयुर्वेद और योग के विभिन्न आयामों को स्टैंडर्डजाइजेशन के लिए आईएसओ की तकनीकी टीम अंतिम दौर की बैठकों में व्यस्त है। लंबे समय से आयुर्वेद और योग के विभिन्न कोर्सेज, दवाइयां, थेरेपी और योग सिखाने के संस्थानों को लेकर बार-बार सवाल उठाए जाते रहे हैं। लिहाजा दवाओं से लेकर योग सिखाने वाले स्टूडियो तक के स्टैंडर्ड को एक जैसा किए जाने की बात हो रही है। आयुष मंत्रालय की पहल के बाद इसको लेकर एक कमेटी बनाकर इनको स्टैंडर्डाइज करने का काम चल रहा है। इसी के तहत 29 अगस्त को मंत्रालय के अधिकारियों की एक बैठक मानक भवन में हुई।
दरअसल भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयुर्वेद और योग संबंधी बहुत सारी चिकित्सा, उपकरणों, दवाइयों और ट्रेनर्स को विदेशों में भेज रहा है। भारत से नस्य, शिरोधारा और दूसरे पंचकर्म वाले बहुत सारे उपकरण विदेशों में भेजे जाते हैं। लेकिन इनके मानकों को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन को लेकर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। हाल ही में अमेरिका में भी इस तरह के सवालों के बाद वहां के योगा चिकित्सकों ने अपना खुद का स्टैंडर्डाइजेशन तैयार किया।
दुनिया भर में करीब 30 करोड लोग योग के जरिए से स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं, साथी भारत से बड़ी संख्या में ट्रेंड योग ट्रेनर की जरूरत है पूरी दुनिया में है। अगर भारत में ट्रेनिंग स्टैंडर्डाइजेशन होगा तो इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय ट्रेनर्स को अच्छी तवज्जों है। आयुर्वेद और योग को स्टैंडर्डाइजेशन करने के लिए आयुष मंत्रालय एवं ब्यूरो ऑफ स्टैंडर्ड के अधिकारियों के बीच में लगातार बैठकर चल रही हैं। एक्सपर्ट कमेटी नियमों को अंतिम रूप देने में लगी हुई है। 29 अगस्त तारीख की बैठक में योगा प्राइवेट के मांगों को लेकर काफी हद तक सहमति बन गई है जल्दी इनकी घोषणा की जा सकती है।
BIS अब आयुर्वेदिक और योग उपकरण बनाने वाली कंपनियों को चिन्हित कर रहा है, साथ ही योग कराने वाले ट्रेनर्स और आयुर्वेद डॉक्टर्स को भी उपकरणों के मानकों को लेकर जागरुकता अभियान चलाने जा रहा है।