शिक्षा, शोध और उत्पाद के जरिए अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेदिक इकोसिस्टम होगा तैयार: सोनेवाल

Date:

आयुष मंत्रालय शिक्षा, शोध, उत्पाद और सेवा के जरिए से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक संगठित आयुर्वेद तंत्र को विकसित कर रही है। हरियाणा के पंचकुला में आठवें आयुर्वेद दिवस महापर्व का उद्घाटन करते हुए केन्द्रीय आयुष मंत्री सर्बानन्द सोणोवाल ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा हजारों साल पुरानी एक संस्कृति  का हिस्सा है और प्राचीन काल से यह भारत के समाज, शिक्षा, सेवा और जीवनचर्या के रूप में मौजूद रही है

सोनेवाल ने कहा कि हाल ही में जी20 की बैठक में भारत ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश सदस्य देशों के सामने प्रस्तुत किया जिसे सभी की सहमति प्राप्त हुई और जी20 डिक्लेरेशन के जरिए एक अभूतपूर्व सफलता हासिल हुई। भारत को एक विकासशील देश से विश्व के पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बदल दिया है।

https://x.com/DrMunjparaBJP/status/1722600414481362957?s=20

युवा और जन सामान्य सभी कृषि, बागबानी और पशु चिकित्सा से जुड़े आयुर्वेद के उत्पादों का व्यावसायिक निर्माण कर सफल स्टार्टअप्स का निर्माण कर सकते हैं। ऐसे स्टार्टअप्स के बनने और बढ़ने से भारत की अर्थव्ययवस्था एक आत्म निर्भर अर्थव्यवस्था बन कर और मजबूत बन सकेगी।

‘आयुर्वेद दिवस’ के उद्घाटन में केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री मुंजपरा महेंद्रभाई भी मौजूद रहे। मुंजपरा ने कहा कि ‘स्वास्थ्य’ सेवा का विकास सरकार की जिम्मेदारी है और आयुर्वेद चिकित्सा की खास बात है कि वो स्वस्थ रहने के लिए जन सहभागिता पर जोर देती है। आयुर्वेद को जीवनचर्या का हिस्सा बनाकर स्वास्थ्य जगत की सर्विस डिलवरी को और अधिक मजबूत किया जा सकता है।

समारोह के विशेष अतिथि आयुष मंत्रालय के सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुर्वेद ज्ञान का एक कभी न समाप्त होने वाला खजाना है जो समय और संस्कृति के अनुसार आगे बढ़ता रहता है। आज हम इसी उद्देश्य से यहाँ उपस्थित हुए हैं कि आयुर्वेद की इस संस्कृति को हम जन स्वास्थ्य की वैश्विक सोच के साथ कैसे आगे बढ़ा सकते हैं।

आयुष मंत्रालय के प्रयासों से ‘आयुर्वेद फॉर वन हेल्थ’ संदेश के साथ एक माह का वैश्विक अभियान आज पूरा हुआ। पूरी दुनिया से करोड़ों की संख्या में लोग इस अभियान से जुड़े और आयुर्वेद के जरिए मानव, जीव-जन्तु, पर्यावरण और पेड़-पौधे कैसे स्वस्थ रह कर एक अनोखे आयुर्वेद तंत्र का निर्माण कर सकते हैं, इस बात को समझा।

कॉनफेरेंस के साथ ही ‘आयुर्वेद महापर्व’ एक्सपो और आठ राज्यों की नेशनल आयुष मिशन (एनएएम) की रिव्यू मीटिंग भी की गई। देश भर से आए आयुर्वेद उत्पाद निर्माताओं, स्टार्ट अप्स और आयुर्वेद प्रोफेशनल्स ने अपने उत्पाद प्रस्तुत किए। नेशनल आयुष मिशन (एनएएम) की बैठक में सभी आठ राज्यों के कार्य और गतिविधियों की समीक्षा की गई और नेशनल आयुष मिशन को सफल बनाने के लिए आयुष मंत्रालय ने सभी राज्यों के प्रतिनिधियों से आग्रह किया और उद्घाटन समारोह के दौरान ही आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव कविता गर्ग ने आठों राज्यों में आयुष मिशन की विभिन्न गतिविधियों और प्रगति पर एक समीक्षात्मक प्रस्तुति दी। कॉनफेरेंस के उद्देश्य और उसकी व्याप्ति पर आयुष मंत्रालय के आयुर्वेद सलाहकर वैद्य मनोज नेसरी ने परिचयात्मक टिप्पणी की। कल दस नवंबर को आठवें आयुर्वेद दिवस का मुख्य समारोह धन्वंतरि दिवस के उपलक्ष्य में इंद्रधनुष सभागार, पंचकुला में सम्पन्न होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

बच सकते हैं Kidney stone से अगर अपनाए यह आयुर्वेदिक उपाय

भारत में किडनी स्टोन डिजीज (केएसडी) काफी आम बीमारी...

Benefits of Moringa: किन किन बीमारियों में मोरिंगा हो सकता है रामबाण इलाज

आयुर्वेद की सबसे शक्तिशाली सब्जी मोरिंगा है जिसे मल्टीविटामिन...

World Ayurveda Congress के लिए मांगे गए रिसर्च पेपर्स

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 12 से 15 दिसंबर...

New Ayush education policy की तैयारियों में जुटा आयुष मंत्रालय

New Ayush education policy: आयुष क्षेत्र में शिक्षा को...