पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन का होगा डिजिटाइजेशन

Date:

पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों (traditional medical practices) में एकरुपता लाने और डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन में नियमों को लेकर भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग की एक बैठक हुई है। इस बैठक में पहली बार देशभर के पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन को लेकर सभी रजिस्ट्रेशन प्रमुख एक साथ आए। आयोग की एथिक्स एंड रजिस्ट्रेशन बॉर्ड (Ethics and Registration Board) की इस बैठक में डॉक्टर्स के अधिकार, पेशेवर नैतिकता,डिजिटाइजेशन,ABDM पर चर्चा की गई। बैठक में एक प्रमुख मुद्दा सभी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के डॉक्टर्स के रजिस्ट्रेशन का डिजिटाइजेशन करना भी था।

देश में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को दोबारा मार्डन तरीके से स्थापित करने के लिए आयुष मंत्रालय ने अलग अलग बोर्ड और कमीशन स्थापित किए हैं, जिनमें पारंपरिक चिकित्सा के लिए राष्ट्रीय आयोग में आयुर्वेद,यूनानी, सिद्धा और सोवा रिग्पा शामिल हैं। इन चिकित्सा पद्धतियों के लिए पाठक्रम तैयार करने और कॉलेजों को सीटों आवंटित करने और डॉक्टर्स के लिए चार्टर बनाने का काम यह आयोग करता है। इसी के तहत राष्ट्रीय आयोग ने देशभर के डॉक्टर्स का रजिस्ट्रेशन करने वाले प्रमुखों को बैठक के लिए बुलाया था। यह पहली बार है कि इस बैठक में पूर्वोत्तर राज्यो के रजिस्ट्रेशन काउंसिल प्रमुख भी चर्चा में हिस्सा लेने आए थे।

देशभर में मार्डन चिकित्सा के साथ साथ पारंपरिक चिकित्सा का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े स्तर पर किया जाता है। लेकिन पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाने के लिए आजादी के बाद से कोई बेहतर काम नहीं हुआ था, लिहाजा खुद देश में ही पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां काफी पिछड़ गई थी। और तो और इसकी वजह से बहुत सारी आयुर्वेदिक पद्धतियों पर विदेशों ने अपना दावा भी ठोंक दिया था। लेकिन 2014 के बाद मोदी सरकार ने ना सिर्फ आयुष को स्वास्थ्य मंत्रालय से अलग किया, बल्कि खुद भी आयुर्वेद और योग को लेकर देश विदेश में प्रचार भी करते रहे। इन्हीं प्रयासों की वजह से योग पर भारतीय दावे को पूरी दुनिया ने स्वीकार भी किया, जबकि दूसरी ओर चीन भी योग को अपना बताने में लगा हुआ था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

यूरोपीय देशों में भी हो रही है Ayurveda को लेकर चर्चाएं

भारतीय आयुर्वेद (Indian Ayurveda) की धूम दुनिया जहान में...

क्यों है Pranayama जीवन को स्वस्थ और सुखी रखने का उपाए

Practicing Pranayama: इन दिनों देश दुनिया में मानसिक रोग...

Ayurveda से इलाज के लिए 5 करोड़ लोगों का किया जाएगा प्रकृति परीक्षण

केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Union Ministry of AYUSH) देशभर में...