Sinus problem and Ayurveda: सर्दियों के मौसम में नाक, फेफड़े और सांस की समस्याएं आम होने लगती है। कई बार साइनस की समस्या लोगों को बहुत परेशान करती है। सर्दियों में बहुत सारे लोगों की साइनस कोशिकाओं में सूजन आ जाती है, जिसके चलते नाक की हड्डी और उसके हिस्सों में दर्द होने लगता है। इसकी वजह से सांस लेने तक में भी समस्या होने लगती है। यह एक गंभीर बीमारी है, जोकि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करती है। इसके चलते बहुत सारी दवाइयां और इलाज करने पड़ते हैं। इसके बहुत सारे साइड इफेक्ट भी होते हैं। इन साइड इफेक्ट्स में सर दर्द, थकान और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं भी होती है।
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साइनस एक ऐसी बीमारी है, जिस पर आप ध्यान दें तो आपको इस बीमारी से काफी राहत मिल सकती है। इस समस्या के लिए कुछ घरेलू उपाय आयुर्वेद में बताए गए हैं।
भाप लेंवे
साइनस को काबू में रखने के लिए सबसे अच्छा उपाय भाप लेने को बताया गया है। अगर आप इस भाप में यूकेलिप्टस ऑयल या फिर पुदीने के तेल की कुछ बंदे भी डालने तो इसका अच्छा असर आपको मिलेगा। आप यह भाप रात को सोने से पहले ले सकते हैं।
लहसुन का सेवन
लहसुन साइनस में काफी अच्छा असर करता है अगर आप रोज सुबह दो-तीन लहसुन की कलियां चबाकर खाएंगे तो इससे लहसुन के अंदर एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी आपको साइनस से बचाएंगे। इसका उपाए का असर आपको कई तरह से अपने शरीर पर दिखने लगेगा। लहसुन दिल संबंधी बीमारियों में भी बहुत लाभदायक होता है।
काढ़ा
साइनस से बचने के लिए आप अदरक, काली मिर्च और तुलसी को अच्छी तरह से उबालकर, इसमें एक चुटकी नमक डालकर पीएं। यह काढ़ा सुबह पीने से यह आपकी साइनस को काबू में रखने में मदद करता है। साथ ही यह बलगम को बाहर निकलता है और आपको सर्दी नहीं होने देता। यह काढ़ा दिन में दो बार भी पीया जा सकता है।