सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दवाओं पर भ्रामक विज्ञापन का मामला झेल रहे स्वामी रामदेव (Swami Ramdev) की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद (Divya Pharmacy and Patanjali Ayurveda) पर उत्तराखंड सरकार की लाइसेंसिंग अथॉरिटी (Licensing Authority of Uttarakhand Government) ने कड़ी कार्रवाई की है। राज्य सरकार की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी की 14 दवाओं एवं उत्पादों पर बैन लगा दिया है और उनका मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस भी रद्द कर दिया है। मामला सिर्फ यहीं तक नहीं रुका बल्कि इस विभाग ने सरकार के बाकी विभागों को भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है।
उत्तराखंड सरकार की लाइसेंसिंग अथॉरिटी का यह आदेश इस महीने की शुरुआत में दवाओं पर आपत्तिजनक विज्ञापन अधिनियम और औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के उल्लंघन में कंपनी के इन उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों की शिकायतों का संज्ञान लेने के बाद जारी हुआ है।
कौन सी दवाएं फिलहाल नहीं मिलेंगी
आदेश के अनुसार, दिव्य फार्मेसी की श्वासारि गोल्ड, श्वासारि वटी, ब्रोंकोम, श्वासारि प्रवाही, श्वासारि अवलेहा, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप, आईग्रिट गोल्ड और मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर का मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस रद्द कर दिया गया है, यानि अब यह दवाएं लोगों को नहीं मिलेंगी।
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इस आदेश में कहा गया है कि बार-बार नियमों के उल्लंघन पर लाइसेंस रद्द किया गया है. इससे पहले 10 अप्रैल को राज्य सरकार ने कंपनी को नोटिस जारी करके जवाब मांगा था. लाइसेंस अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट में भी हलफनामा दायर किया है.