दुनियाभर में इन दिनों योग के साथ साथ आयुर्वेद को लेकर भी उत्साह है। बहुत सारे देश अपने यहां योग-आयुर्वेद के जरिए बेहतर स्वास्थ्य के लिए तरह तरह के आयोजन कर रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन South Korea के यंगसुंग बुकतो प्रांत में किया गया। जहां भारत की प्रमुख वैलनेस कंपनी पतंजलि ने योग और आयुर्वेद को लेकर लोगों को जानकारियां दीं।
दक्षिण कोरिया के यंगसुंग बुकतो प्रांत में वैलनेस फेस्टिवल-2023 नाम के एक मेले का आयोजन हुआ। इसमें दक्षिणी कोरिया की पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ साथ भारत के योग और आयुर्वेद को भी प्रदर्शित किया गया है। इसमें भारत की ओर से पतंजलि, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, जामनगर यूनिवर्सिटी, सुभारती यूनिविर्सिटी समेत आयुर्वेद शिक्षा पर काम कर रहे कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम के बारे में पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि हमें आयोजन में विशेष रूप से सहभागी होने का अवसर मिला। हमें प्रसन्नता है कि हजारों वर्ष पुराने भारत-कोरियाई संबंधों को वर्तमान में राजनयिक रूप से पचासवें वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस अवसर पर यंगसुंग बुकतो के गवर्नर व वहाँ के मेयर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। उन्होंने पतंजलि द्वारा रचित पुस्तक “Glossary of Korian Medicines” का विमोचन किया। इस समारोह में पतंजलि के स्टॉल के लिए विशेष स्थान भी उपलब्ध कराया गया। समारोह में “Wellness Walk” व योग का भी आयोजन किया गया।
भारत कोरिया के बीच योग और आयुर्वेद संबंध स्थापित करने में Subharti University, Meerut के Chief Adviser Dr. Heero Hitto मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम में Subharti University के CEO Dr. Shalya Raj, Director-Holistic Medicine Dr. Rohit Ravindra, जामनगर University के कुलपति Dr. Hirabhai Patel तथा Banaras Hindu University के Dean व Professor तथा दक्षिण कोरिया में भारतीय दूतावास के राजनयिक तथा Deputy Chief of Mission निशी कांत सिंह भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर स्थानीय गवर्नर ने कहा कि आने वाले समय में हम अपने क्षेत्र में भारतीय गांव की स्थापना के साथ ही पतंजलि के साथ मिल कर कोरियन मेडिसिन सिस्टम के साथ काम करने के बहुत इच्छुक हैं। भारतीयता तथा भारत के गौरव को बढ़ाने वाले इस कार्य से निश्चित रूप से हमारे आपसी सम्बंध प्रगाढ़ होंगे।