आयुर्वेदिक पौधे उगाकर भी कमा सकते हैं मोटा मुनाफा, सरकारी भी दे रही है सब्सिडी

0
medicinal plant

आयुर्वेदिक पौधे उगाकर भी कमा सकते हैं मोटा मुनाफा

केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार आयुष चिकित्सा को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए बड़े फैसले ले रही है। केन्दर सरकार ने बजट 2023 में भी आयुष का बजट बढ़ाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 में आयुष प्रणालियों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है। इसके साथ ही आयुष मंत्रालय को दिए जाने वाले बजट के कुल आवंटन में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

बजट में आयुष अनुसंधान परिषदों के माध्यम से आयुष चिकित्सा पद्धतियों में प्रूफ आधारित शोध को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आयुर्वेद के लिए एक साक्ष्य-आधारित डेटाबेस बनाने की आवश्यकता के बारे में बात की जो आधुनिक विज्ञान के मापदंडों को पूरा करेगा। आयुष अनुसंधान परिषदों और संस्थानों का बढ़ता बजट आवंटन उसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राष्ट्रीय आयुष मिशन के बजट में 50% की वृद्धि

केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) के लिए बजट आवंटन 800 करोड़ रुपये से 50 प्रतिशत बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया है। आयुष अस्पतालों और औषधालयों को उच्च स्तर पर ले जाने के लिए काम कर रहा है। इसके माध्यम से आयुष कम लागत पर सेवाएं प्रदान करने, स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) के रूप में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बढ़ाने, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए काम कर रहा है।

औषधीय पौधों के निर्यात से लाभ कमाने का अवसर

बजट में औषधीय पौधों की खेती पर जोर दिया गया था। भारत सरकार राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत औषधीय पौधों की खेती के लिए लोगों को प्रेरित करने के साथ-साथ निर्यात को सरल और प्रभावी बनाने पर काम करेगी। ताकि इन पौधों को उगाने वाले किसानों को निर्यात से लाभ मिल सके।

सभी राज्यों को मिला अनुदान

बजट में सभी राज्यों (920 करोड़ रुपये), केंद्र शासित प्रदेशों (96 करोड़ रुपये) और पूर्वोत्तर क्षेत्र (231 करोड़ रुपये) के लिए सहायता अनुदान भी 861.97 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1246.73 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसके साथ ही बजट में भारतीय पारंपरिक भारतीय चिकित्सा पद्धति की मजबूती पर विचार किया गया है। होम्योपैथी, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा और सोवा रिग्पा जैसी अन्य आयुष प्रणालियों को शिक्षा सुविधाओं और सामुदायिक आउटरीच को बढ़ाकर बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.