मौसम तेजी से बदल रहा है। गर्मी जा रही है और ठंड दस्तक दे रही है। मौसम में हो रहे इन अत्यधिक उतार-चढ़ाव की वजह से लोगों की सेहत भी बिगड़ती जा रही है। विभिन्न प्रकार के संक्रमण के कारण लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। अस्पताल मौसमी संक्रमण के मरीजों से भरे पड़े हैं। खांसी, जुकाम, बुखार, सिरदर्द, बदहजमी, गैस, उल्टी और दस्त से पीड़ित मरीज ज्यादा सामने आ रहे हैं। इसलिए अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना बहुत जरूरी है। इस मौसम में आप पौष्टिक भोजन और आयुर्वेदिक उपायों से खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। इस बदलते मौसम में अपनी सेहत को कैसे फिट रखा जा सकता है। इस बारे में बता रही हैं आयुर्वेदाचार्य डॉ. कृतिका उपाध्याय।
बदलते मौसम में क्या खाना उचित है?
आयुर्वेदाचार्य डॉ. कृतिका उपाध्याय के अनुसार तेजी से बदलता मौसम सेहत का बड़ा दुश्मन है। इस मौसम में अधिक संक्रमण होने की संभावना रहती है। यही कारण है कि लोग अक्सर बीमार पड़ते हैं। खुद को फिट रखने के लिए ऐसे मौसम में दूध की क्रीम, ड्राई फ्रूट्स और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए। खासतौर पर बथुआ, चना और पालक का सेवन ज्यादा करना चाहिए। इससे हमारे शरीर में प्रोटीन और वसा का पर्याप्त संचय होता है। ये हमें मौसमी संक्रमण से सुरक्षित रखते हैं।
सर्दियों में बेहतर खाने से पूरे साल एनर्जी मिलती है
डॉ. उपाध्याय के मुताबिक अब सर्दियों में हरी सब्जियां और मौसमी फल सस्ते और सुलभ हैं। इस अवधि के दौरान, अच्छी खाने की आदतों के माध्यम से हम जो ऊर्जा जमा करते हैं, वह हमें पूरे वर्ष बीमारियों से बचाने में मदद करती है। इसलिए मौसम के अनुकूल चीजों का ही सेवन करना चाहिए। इस मौसम में पाचन शक्ति मजबूत होती है। ऐसे मौसम में सूखे मेवों से बने लड्डू, हरी सब्जियां जैसे सोया, मेथी, चने का साग, पालक, चोराई, हरा प्याज आदि का सेवन अधिक ऊर्जा देता है।
सर्दियों में जरूर खाएं गुड़
इस मौसम में रोजाना 35 ग्राम तक लोकल गुड़ का सेवन करना चाहिए। यह हमें ऊर्जा देने के साथ-साथ मूत्र संबंधी विकारों से भी बचाता है। गर्म दूध को ठंडा करके उसमें गुड़ डालकर पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। सर्दी के आगमन और गर्मियों की विदाई के समय हमारा पाचन तंत्र बहुत कमजोर हो जाता है। इसलिए नवरात्रि व्रत भी ऐसे समय में आता है। व्रत रखने से हम हल्का खाना खाते हैं, जो आसानी से पच जाता है और हमें इंफेक्शन और बीमारियों से बचाता है।
नवरात्रि व्रत में क्या खाएं
नवरात्रि हमेशा मौसमी परिवर्तन के समय आती है। इसीलिए सनातन परंपरा में 9 दिनों तक व्रत रखा जाता है। व्रत रखने वाले लोगों का पाचन तंत्र कमजोर नहीं होता है। लेकिन इस दौरान खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे समय में कुट्टू का आटा नहीं खाना चाहिए। क्योंकि यह मजबूत है। नवरात्रि के दौरान केवल फलों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा लौकी का अलग-अलग रूपों में सेवन करना फायदेमंद होता है। अन्य भारी वस्तुओं को खाने से बचना चाहिए। पीने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।