भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों में ग्रेजुएट कर चुके छात्रों के लिए प्रैक्टिस लाइसेंस लेने के लिए होने वाला एनईटी (National Exit Test) के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब नए नियमों के तहत बिना इस टेस्ट को पास किए किसी भी बीएएमएस, यूनानी, सिद्धा और सोवा रिग्पा के छात्र को मेडिकल प्रैक्टिस के लिए लाइसेंस नहीं मिलेगा। यह टेस्ट अब हर साल दो बार फरवरी और अगस्त में किया जाएगा, ताकि एक साल इंटर्नशिप पूरा किए हुए छात्र इस टेस्ट को पास करके लाइसेंस ले सकें।
नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसन (NCISM) के सचिव बी एल मेहरा ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, ग्रेजुएशन के पांचवें साल के छात्र इस टेस्ट को पास करने के बाद राज्यों से मेडिकल प्रैक्टिस का लाइसेंस ले सकेंगे।
दरअसल इससे पहले एक साल की इंटर्नशिप करने के बाद छात्र सीधे राज्य या राष्ट्रीय स्तर पर अपने को रजिस्टर करा पाते थे और उसके बाद से ही प्रैक्टिस शुरु कर देते थे। लेकिन इस साल से पांचवे साल के छात्रों को इंटर्नशिप के बाद इस टेस्ट को पास करना जरुरी है।