Ayurveda first line of treatment: कोरोना के बाद अब आयुर्वेद अपनाने लगे हैं लोग

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Ayurveda first line of treatment: कोरोना में आयुर्वेद के असर को देखते हुए अब लोग बीमार होते ही तुरंत आयुर्वेद के वैद्यों या फिर आयुर्वेद की दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले जहां देश में आयुर्वेद के डॉक्टर्स के पास हफ्ते में कुछ ही मरीज़ बीमार होने पर सीधा दिखाने चले आते थे, अब लोग बीमार होते ही सीधा आयुर्वेद के वैद्य के पास जाते हैं।

देश के सबसे बड़े आयुर्वेद वैद्य संगठन नेशनल आयुर्वेदा स्टूडेंट एंड यूथ एसोसिएशन (NASYA) की अध्यक्षा वरिष्ठ वैद्य प्रीति छाबड़ा ने बताया कि दो साल पहले तक आयुर्वेद के वैद्यों के पास लोग ऐसी बीमारियों के लिए आते थे, जिनका इलाज कराते कराते वो थक जाते थे, लेकिन कोरोना के बाद अब माहौल काफी बदल गया है, अब लोग बुखार होने पर भी आयुर्वेद के वैद्य के पास आ रहे हैं। पहले जहां खुद मेरे पास रोज़ाना 5 से 6 ऐसे मरीज़ आते थे, जोकि किसी बीमारी में सीधा आयर्वेद को फर्स्ट लाइन ऑफ ट्रीटमेंट की तरह देखते थे। लेकिन अब फर्स्ट लाइन ऑफ ट्रीटमेंट वाले करीब 15 से 20 मरीज़ रोजाना या तो आते हैं या फिर फोन पर सलाह लेते हैं।

वैद्य इंदू शर्मा, जीवन ज्योति वैदिक सेंटर, ओखला

IMA आयुष की प्रेसिडेंट वरिष्ठ वैद्य इंदू शर्मा ने बताया कि कोरोना के बाद अब लोगों को रूझान आयुर्वेद की ओर बहुत ज्य़ादा बढ़ा है। अब हमारे यहां बहुत सारे मरीज़ सीधे आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट के लिए आते हैं। मरीज़ बहुत बार एक ही बीमारी को लेकर कई बार अलग अलग पैथी से इलाज़ करा चुके होते हैं, फिर आयुर्वेद की एक या दो सीटिंग में ठीक होने के बाद वो अपने परिवार और मिलने झुलने वालों को बताते हैं तो इससे आयुर्वेद अब काफी प्रसिद्ध हो गया है। ख़ासकर कोरोना की लहर के बाद तो लोगों में आयुर्वेद को लेकर काफी सकारात्मक रूझान हो गया है। जहां हमारा सेंटर है, उसमें काफी मरीज़ ऐसे भी आते हैं, जिन्हें हम अपनी रसोई से ठीक होने की सलाह भी देते हैं और मेरा अनुभव है कि 70 परसेंट लोगों को इससे फायदा होता है।

1 thought on “Ayurveda first line of treatment: कोरोना के बाद अब आयुर्वेद अपनाने लगे हैं लोग

  1. आयुर्वेद जी सरकार द्वारा ध्यान ना देने की वजह से व नगण्य बजट देने की वजह से रीसर्च ना होने से लोगों से दूर हो गया था परंतु अब वो बात नहीं रही , अब पिछले कई सालों में काफ़ी रीसर्च होने लगी है ओर साइयंटिफ़िक प्रूवेन तरीक़े से इलाज होने लगा है तो लोगों का विश्वास भड़ने लगा है

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