Conspiracy to defame Ayurveda: आयुर्वेद को बदनाम करने के लिए लगातार कई तरह के विज्ञापन (advertisment) दिए जा रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण राजस्थान के हनुमानगढ़ एक स्किन क्लिनिक (New Delhi skin hospital) के विज्ञापन में देखने को मिला। इस क्लीनिक के विज्ञापन में लिखा गया है, यदि आप त्वचा बालों या नाखूनों के एलोपैथिक उपचार चाहते हैं तो इनसे बचें। जिन चीजों से बचने के लिए कहा गया है, उसमें बीएएमएस और बीएचएमएस को भी शामिल किया गया है, जबकि एमबीबीएस की तरह ही बीएएमएस और बीएचएमएस दोनों को ही इलाज के लिए बराबर माने जाते हैं, बल्कि पूरी दुनिया अब आयुर्वेद और इसकी थेरेपी को अपना रही है।
इस विज्ञापन को लेकर जब आयुर्वेद इंडियन डॉट कॉम ने न्यू दिल्ली स्किन हॉस्पिटल के दिए हुए नंबरों पर फोन किया तो एक नंबर पर फोन उठाने वाले सज्जन ने अपना नाम नहीं बताया और दूसरे नंबर पर कहा गया कि हमें डॉक्टर साहब ने कहा है कि जिसे भी इस बारे में बात करनी है वह हनुमानगढ़ राजस्थान आकर बात करें। इस विज्ञापन में डॉक्टर ओ आर चौधरी बताए गए हैं। उन्होंने अपने नाम के सामने एमबीबीएस एमडी लिखा हुआ है।
इस बारे में आयुर्वेद की विभिन्न संस्थाओं में काफी रोष है, प्रमुख आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राम अवतार शर्मा ने इस विज्ञापन का विरोध करते हुए लिखा, किसी विज्ञापन में बीएएमएस का नाम क्यों लिखा गया, बीएएमएस आयुर्वेद की प्रमाणित डिग्री है सरकार से मान्यता प्राप्त है और एमबीबीएस के समकक्ष है।
दरअसल इससे पहले भी कई अखबारों में आयुर्वेद की कई दवाओं के बारे में भ्रामक खबरें तक लिखी गई थी। इसको लेकर कई प्लेटफार्म पर जब सवाल उठे तो अखबारों ने अपनी खबरों का क्लेरिफिकेशन तक छापा खासकर गिलोय के उपयोग को लेकर कई खबरें छपी थी।