आजकल देखने को मिलता है कि कई लोगों की गर्दन काली होती हैं। काली गर्दन सीधे सनटैन और स्वच्छता की कमी से जुड़ी हुई है। लेकिन, जरूरी नहीं कि हर बार यही कारण हो। दरअसल, काली गर्दन के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। जैसे कि कुछ बीमारियां जो एकैंथोसिस निग्रिकन की स्थिति का कारण बनती हैं। इसमें होता यह है कि जहां भी त्वचा झुकती है या त्वचा में तह होती है, वहां एक परत बन जाती है, त्वचा मोटी और काली दिखने लगती है। कभी-कभी इसे त्वचा की स्थिति के रूप में देखा जाता है लेकिन इसके पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं।
- मोटापा
मोटापे से पीड़ित लोगों में एकैंथोसिस निग्रिकान्स सबसे अधिक देखा जाता है। दरअसल, मोटापे की वजह से आपकी त्वचा में कई लेयरिंग हो जाती हैं और फिर इससे त्वचा में पिगमेंटेशन होने लगता है और गर्दन की त्वचा काली पड़ने लगती है। ऐसे में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ताकि वह इसे खराब होने से पहले ही रोक सके।
- पीसीओडी समस्या
पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम और ओवेरियन सिस्ट के मामले में यह समस्या ज्यादा देखी जाती है। ऐसी स्थिति वाली लड़कियों और महिलाओं में हार्मोनल स्वास्थ्य इतना खराब होता है कि इसका असर त्वचा पर दिखाई देता है। गौरतलब है कि पीसीओडी में इंसुलिन रेजिस्टेंस यानी इंसुलिन रेजिस्टेंस सिंड्रोम का खतरा ज्यादा होता है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर की इंसुलिन कोशिकाएं इस हार्मोन के लिए सामान्य रूप से प्रतिक्रिया नहीं करती हैं, जिसे अभी भी एकैंथोसिस निग्रिकन के रूप में जाना जाता है।
- मधुमेह रोग
अधिकांश लोग जिनके पास एकैंथोसिस निग्रिकन हैं, वे इंसुलिन के प्रतिरोधी हैं। इसका मतलब है कि मधुमेह के रोगियों में जोखिम अधिक है। ऐसे लोगों में पैनक्रियाज इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन ठीक से नहीं कर पाता है या फिर इंसुलिन सेल्स इस हार्मोन के हिसाब से काम नहीं कर पाते हैं। इंसुलिन प्रतिरोध टाइप 2 मधुमेह का कारण बनता है।
- हाइपोथायरायडिज्म की समस्या
हाइपोथायरायडिज्म में थायरॉइड ग्रंथि इस हार्मोन का उत्पादन ठीक से नहीं कर पाती है। इसके कारण एकैंथोसिस निग्रिकान्स की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिससे आपकी गर्दन काली पड़ सकती है। तो, इस तरह आपको इन बीमारियों को बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए। अगर आपकी गर्दन काली पड़ रही है तो डॉक्टर से सलाह लें ताकि वह समय रहते स्थिति को समझ सके और आपको सही सुझाव दे सके।